गुरुवार, 17 जुलाई 2025

तुझे पाना चाहा

हमने अक्सर तुमसे बेहतर नहीं 

सिर्फ तुम्हे ही अपनाना चाहा।

हर मोर पर साथ तेरे बिताना चाहा 

हंसकर, रोकर, गाकर, सिर्फ सामने तेरे 

वो साड़ी पल को साथ निभाना चाहा ।


देखकर तेरी मुस्कान अक्सर झूमना 

प्रवाह नहीं मुझे दुनियां के तामासे की 

मुझे सिर्फ तुम हक दो तो तुझे चूमना 

खुश हूँ तुम तक बस मुझे और नहीं ढूंढना ।


बस डर है मुझे तेरे बदनामी का नही तो मै 

अपनी दिल में दबाए वो बात खुल्याम कर दूं ,

दो आजादी तो प्यार का ऐलान सरेआम कर दूं ,

आजीवन तेरे होकर मै अपना जीवन बीता दूं ।


तुम जैसे हो वैसे ही हरदम रहना, चाहो तो संवरना 

प्रेम सिर्फ तुझसे है और न मुझे तुझसे कुछ कहना।

पवित्र रिश्तों में बंधक संग हंसना, गाना और झूमना 

तुम बेहतर हो, बस मुझे तेरे संग आजीवन रहना।।


                                              अमित कुमार वंशी 




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