यहां सिर्फ हरि भरी पेड़ नहीं,
हर शाखा पर टंगे बरे-बारे सपने है ।
यहां मेहनत और प्रकृति मिलकर,
अक्सर कई नई-नई कहानी गढ़ते है ।
फल फूलों की मिठास हवा में
इस संस्थान की यही खुबसूरती है ।
चार दिवारी से निकलते ही जब
सूरज की पहली किरण दिखती है
साथ मे पंछियों की चहचहाहट भी
जब हर सुबह का स्वागत करती है ,
मानो प्राकृतिक अपने स्वर में गाती है ।
यहां की यहीं सब पल दिल को भाती है।
संघर्ष और धैर्य यहां वैज्ञानिक से सिखा
असफल होकर पुनः प्रयास करते देखा ।
मधुर स्वर में बाते करते और कुछ समझाते
लीची के मिठास सा खुद के प्रति लुभाते देखा।
ज्ञान विज्ञान के जुड़कर यहां बहुत कुछ सिखा
कभी लीची फल चखा तो कभी लीची रस चखा।
यहां हर एक-एक फल में मीठा विज्ञान लिपटा है
मिट्टी से मिठास तक संस्थान एक कहानी गढ़ता है।
अमित कुमार वंशी
