गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

मिट्टी से मेरा नाता है

 मिट्टी से मेरा नाता है,

धरती माँ से रिश्ता पुराना,

बीज में जीवन बोता हूँ,

हर मौसम से करता बहाना।


मैं कोई बड़ा डॉक्टर नहीं,

पर खेत मेरा अस्पताल है,

जहाँ रोग नहीं इंसानों के,

फसल का हर हाल-बेहाल है।


मैं "कृषि चिकित्सक" कहलाता,

किसानों का हूँ साथी सच्चा,

दवा नहीं यहाँ प्रेम बाँटता,

हर पौधे से रखता नाता अच्छा।


बूढ़े बाबा की आँखों में मेहनत,

युवा किसान की आँखों में जोश,

दोनों में देखूँ भारत का चेहरा,

जिसमें बसता हर रोज़ विश्वास।


धरती का सीना चीर के बोता,

और फिर अन्न का पर्व मनाता,

ऐ मेरे किसान भाई सुन लो,

तुम ही देश का भगवान कहलाता।


जब खेत हँसे तो मन मुस्काए,

जब फसल लहराए तो गीत गाऊँ,

हर गाँव में खुशहाली फैले,

यही सपना मैं हर दिन बो जाऊँ।

                          अमित कुमार वंशी                                     




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