मै परदेशी
मै उनको करता शत - शत प्रणाम,
जिस मिट्टी पर जन्मे कितने वीर महान ।।
क्यों न उनका परदेशी हु लेकिन,
करता हूं मै उनका भी गुनगान ।।
सच गाने में क्या जाता है,
जब वो है सच में ही महान ।।
जय-जय भारत जय-जय भारत,
तु तो है मां भारत बहुत महान ।।
कास मै भी होता इस धरती पर जन्मा,
जहां होता है तेरा इतना सम्मान ।।
इस जन्म में तो तुमसे रिश्ता जोड़ा,
अगले जन्म में मां मुझको भी तु-
लेना स्वीकार कर बेटा मान,
ताकि मैं भी खड़ा हो तिरंगे के नीचे-
गा सकू जन गण मन का गान ।।
माना इस जन्म में तेरा परदेशी हु पर,
अपना सिर दिया हु तेरे चरणों में थाम ।।
जय - जय भारत , जय - जय भारत ,
तू तो है मां भारत बहुत ही महान ।।
अमित कुमार वंशी
🥰👍
जवाब देंहटाएंNice 👍
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