बिहार
अप्पन माटी सबके प्यारी,
है हम भी जन्मजात बिहारी ।।
कोई राज्य न ऊंच है ना नीच ,
सबके अप्पन खास पहचान है ।
वैसे ही बिहार के अप्पन रीत।।
मगही मैथिली भोजपुरी जहां,
है अनमोल भाषा में बातचीत ।।
गर्व है हमरो अप्पन माटी पर,
जहां उगता हर ऋतु में कितना चीज।।
क्या नहीं है जी हमरा ईहवा ?
प्राकृतिक नदियां हैं वन उपवन है,
राजा महाराजा के प्राचीन किला है।।
अनेकों धर्म के ईहवा मेला है,
महापुरुषों के साड़ी यादें है ।।
हम बिहारी बड़ा संस्कारी हैं
दया भाव है खून में हमरा,
पर अन्याय न सहना बीमारी है ।।
पड़ोसी हो या क्यों न परदेशी ,
सबके लिए दिल में बराबर सम्मान है।।
जितना प्यार है अप्पन माटी से,
उतना ही है सब हमरा हित । ।
कभी खत्म ना होगा गुणगान बिहार का,
आइए ना कभी बिहार ओ हमारे मीत।।
अमित कुमार वंशी
हम भी बिहारी है, पढ़ कर आपकी कविता अच्छा लगा 🥰👍
जवाब देंहटाएंBihar jindabad
जवाब देंहटाएं