ओ संसद में बैठे धोखेबाज नेताओं
एक बात तुम जरा मुझे बतलाओ ,
क्या खुद किए सारे वादे भुल गए
या अपनी लाज-शर्म धुलकर पी गए ।।
मुझे लगता खुद को तुम भारत देश का
मालिक समझ अहंकार मे है टूल गए ।।
ये भुल मत की जनता देश के मालिक है,
जिसने ताज पहना बैठाया तुझे गद्दी पर।
वही गिराया है कितनो को मुंह के बल ,
क्यों पोत रहा कालिख अपने मुख पर ।
जिम्मेदारी को ठोकर मार, मनमानी जारी है।
कर रहा उसपे तानाशाही है
कभी लाठियां वर्षा कर,कभी गोला फेंकवा कर
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