छोड़ मुझे खुश रहना,पर मुझसे बेहतर पाना
जो सह सके तेरे नखरे,जो रह सके आजीवन तेरे
अपने दुःख को भूल कर , पहले दुःख तेरे निवारे
उफ की आवाज सुन वो, पास तेरे दौरे आवे
हमसे हुए कमी भी वो पूरी कर,तेरे मन को भावे
बुलंदियों को चुमती हुई, बढ़ रही हो लगातार
बढ़ते जाओ, कुछ बेहतर पाओ, मान बढ़ाओ
इस पल में वह खुद की वाह वाही न लूट कर
जो दे तेरे सभी असफलता मे,अपना पूरा साथ
भर कर बाहों में वो तुझे , दिलाए पूरा विश्वाश
तुम फिर लेकर आस,करो मुसीबत से विजई प्राप्त
मै देखूं अंजान राही बन,जब हाथ पकड़ तुझे घुमाए
पगडंडी पर तुझे चलाए और खुद झाड़ी से टकराए