शनिवार, 26 जुलाई 2025

बेरोजगार

मत करो तुम अत्याचार 

हम है अभी बेरोजगार 

खुद को कर रहे है तैयार 

लेकिन अभी है हम बेरोजगार

सहकर ताने हो रहे होशियार।।


तपकर हम इस भवनडर में अभी 

बढ़ा रहे अपनी शक्ति और संस्कार 

बढ़ रहे कल्याण की दिशा में निरंतर 

कर रही स्थिरता जीवन मे अभी प्रहार 



मंगलवार, 22 जुलाई 2025

कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते

कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते
पाकर या खोकर कभी बताए नहीं जाते 
संभाल कर रख अपने अंदर आजीवन 
किसी मोर पर मिलना तो कभी बिछड़ना 
अक्सर ये दर्द खुद के अंदर ही दबाएं जाते ।

कुछ किस्से बताए नहीं जाते किसी से भी 
तो कुछ कितना भी छुपाए छुप नहीं पाते 
याद कर उस पल को अक्सर मन घबराते 
कुछ रिश्ते अक्सर कभी भुलाए नहीं जाते।।

दूर होकर भी कुछ एहसास छोड़ जाते 
चाहे हालात और समय बदल जाते पर 
ये मन, और बीते बंधन संग रह जाते ।
थके पथिक सा छांव का एहसास दिलाते।
कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते ।।

गहराइयों में जाकर कुरेदता कभी कुछ छन 
तन्हाइयों में अक्सर ढूंढ़ता है उसे ये मन 
फिर थक हार कर पछताता है, पर क्या करे ?
आज भी उसे मुझसे नहीं  भूलाया जाता है ।।

कमी मुझमें थी या था कुछ पल का खिलौना 
कहती बचपना थी हमारी, अब संग न रहना ।
मुलाकात में बहकी साड़ी अंदाज उसकी थी।
मन से तन तक पूरी शुरुआत भी उसकी थी ।।

ये अनमोल रिश्ता मानकर अपनाया था हमने 
पर क्या पता था ये बस खेल बचपना की थी।।
कुछ पल संग खेलेगी फिर बहुत दूर धकेलेगी
हम बंध जाएंगे पूरी जीवन गंभीत रिश्तों में 
वो खिलौने बदलेगी उम्र के साथ जीवन मे ।।

किस्से बतलाए अपनी ये गलतियां जीवन की 
क्यों मजाक बनाए हम खुद ही खुद की 
बाते तो छुप जाती पर दुखी मन दिख जाता है ।
पाकर या खोकर कुछ रिश्ते बताए नहीं जाते।
कुछ रिश्ते अक्सर कभी भी भुलाए नहीं जाते।।

                                अमित कुमार वंशी 

गुरुवार, 17 जुलाई 2025

तुझे पाना चाहा

हमने अक्सर तुमसे बेहतर नहीं 

सिर्फ तुम्हे ही अपनाना चाहा।

हर मोर पर साथ तेरे बिताना चाहा 

हंसकर, रोकर, गाकर, सिर्फ सामने तेरे 

वो साड़ी पल को साथ निभाना चाहा ।


देखकर तेरी मुस्कान अक्सर झूमना 

प्रवाह नहीं मुझे दुनियां के तामासे की 

मुझे सिर्फ तुम हक दो तो तुझे चूमना 

खुश हूँ तुम तक बस मुझे और नहीं ढूंढना ।


बस डर है मुझे तेरे बदनामी का नही तो मै 

अपनी दिल में दबाए वो बात खुल्याम कर दूं ,

दो आजादी तो प्यार का ऐलान सरेआम कर दूं ,

आजीवन तेरे होकर मै अपना जीवन बीता दूं ।


तुम जैसे हो वैसे ही हरदम रहना, चाहो तो संवरना 

प्रेम सिर्फ तुझसे है और न मुझे तुझसे कुछ कहना।

पवित्र रिश्तों में बंधक संग हंसना, गाना और झूमना 

तुम बेहतर हो, बस मुझे तेरे संग आजीवन रहना।।


                                              अमित कुमार वंशी 




मिट्टी से मेरा नाता है

 मिट्टी से मेरा नाता है, धरती माँ से रिश्ता पुराना, बीज में जीवन बोता हूँ, हर मौसम से करता बहाना। मैं कोई बड़ा डॉक्टर नहीं, पर खेत मेरा अस्प...