मत करो तुम अत्याचार
हम है अभी बेरोजगार
खुद को कर रहे है तैयार
लेकिन अभी है हम बेरोजगार
सहकर ताने हो रहे होशियार।।
तपकर हम इस भवनडर में अभी
बढ़ा रहे अपनी शक्ति और संस्कार
बढ़ रहे कल्याण की दिशा में निरंतर
कर रही स्थिरता जीवन मे अभी प्रहार
मत करो तुम अत्याचार
हम है अभी बेरोजगार
खुद को कर रहे है तैयार
लेकिन अभी है हम बेरोजगार
सहकर ताने हो रहे होशियार।।
तपकर हम इस भवनडर में अभी
बढ़ा रहे अपनी शक्ति और संस्कार
बढ़ रहे कल्याण की दिशा में निरंतर
कर रही स्थिरता जीवन मे अभी प्रहार
हमने अक्सर तुमसे बेहतर नहीं
सिर्फ तुम्हे ही अपनाना चाहा।
हर मोर पर साथ तेरे बिताना चाहा
हंसकर, रोकर, गाकर, सिर्फ सामने तेरे
वो साड़ी पल को साथ निभाना चाहा ।
देखकर तेरी मुस्कान अक्सर झूमना
प्रवाह नहीं मुझे दुनियां के तामासे की
मुझे सिर्फ तुम हक दो तो तुझे चूमना
खुश हूँ तुम तक बस मुझे और नहीं ढूंढना ।
बस डर है मुझे तेरे बदनामी का नही तो मै
अपनी दिल में दबाए वो बात खुल्याम कर दूं ,
दो आजादी तो प्यार का ऐलान सरेआम कर दूं ,
आजीवन तेरे होकर मै अपना जीवन बीता दूं ।
तुम जैसे हो वैसे ही हरदम रहना, चाहो तो संवरना
प्रेम सिर्फ तुझसे है और न मुझे तुझसे कुछ कहना।
पवित्र रिश्तों में बंधक संग हंसना, गाना और झूमना
तुम बेहतर हो, बस मुझे तेरे संग आजीवन रहना।।
अमित कुमार वंशी
मिट्टी से मेरा नाता है, धरती माँ से रिश्ता पुराना, बीज में जीवन बोता हूँ, हर मौसम से करता बहाना। मैं कोई बड़ा डॉक्टर नहीं, पर खेत मेरा अस्प...