मंगलवार, 22 जुलाई 2025

कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते

कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते
पाकर या खोकर कभी बताए नहीं जाते 
संभाल कर रख अपने अंदर आजीवन 
किसी मोर पर मिलना तो कभी बिछड़ना 
अक्सर ये दर्द खुद के अंदर ही दबाएं जाते ।

कुछ किस्से बताए नहीं जाते किसी से भी 
तो कुछ कितना भी छुपाए छुप नहीं पाते 
याद कर उस पल को अक्सर मन घबराते 
कुछ रिश्ते अक्सर कभी भुलाए नहीं जाते।।

दूर होकर भी कुछ एहसास छोड़ जाते 
चाहे हालात और समय बदल जाते पर 
ये मन, और बीते बंधन संग रह जाते ।
थके पथिक सा छांव का एहसास दिलाते।
कुछ रिश्ते अक्सर भुलाए नहीं जाते ।।

गहराइयों में जाकर कुरेदता कभी कुछ छन 
तन्हाइयों में अक्सर ढूंढ़ता है उसे ये मन 
फिर थक हार कर पछताता है, पर क्या करे ?
आज भी उसे मुझसे नहीं  भूलाया जाता है ।।

कमी मुझमें थी या था कुछ पल का खिलौना 
कहती बचपना थी हमारी, अब संग न रहना ।
मुलाकात में बहकी साड़ी अंदाज उसकी थी।
मन से तन तक पूरी शुरुआत भी उसकी थी ।।

ये अनमोल रिश्ता मानकर अपनाया था हमने 
पर क्या पता था ये बस खेल बचपना की थी।।
कुछ पल संग खेलेगी फिर बहुत दूर धकेलेगी
हम बंध जाएंगे पूरी जीवन गंभीत रिश्तों में 
वो खिलौने बदलेगी उम्र के साथ जीवन मे ।।

किस्से बतलाए अपनी ये गलतियां जीवन की 
क्यों मजाक बनाए हम खुद ही खुद की 
बाते तो छुप जाती पर दुखी मन दिख जाता है ।
पाकर या खोकर कुछ रिश्ते बताए नहीं जाते।
कुछ रिश्ते अक्सर कभी भी भुलाए नहीं जाते।।

                                अमित कुमार वंशी 

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